Akbar-Birbal | बादशाह अकबर को पहेलियां सुनना और सुनाने का बहुत शौक था. वे अक्सर लोगों से पहेलियां पूछा करते थे और वे दूसरों से भी पहेलियां सुनना पसंद करते थे. वे हमेशा अपने दरबार में एक नई पहेली लेकर आते थे और अपने मंत्रियों से पूछा करते थे. कम शब्दों में कहें तो अकबर एक जोरदार पहेलीबाज व्यक्ति थे. वे जब भी कोई पहेली लेकर दरबार में आते थे तो उन्हें लगता था आज तो इसका कोई जवाब नहीं दे पाएगा परंतु वह वहीं पर गलत हो जाते थे. बीरबल हमेशा उनके सभी पहेलियां की जवाब दे दिया करते थे और बहुत वाह वाही लुटा करते थे.
तो चलिए आज के हिंदी महल के इस अंक में जानते हैं अकबर और बीरबल के बीच की एक रोचक कहानी जिसमें अकबर बीरबल से पूछते हैं एक पहेली. जिसका जवाब क्या थी वह पहेली? क्या बीरबल ने उसका दिया जवाब? जानते हैं आगे.
Akbar-Birbal Story | अकबर-बीरबल की कहानी – बादशाह की पहेलियाँ
बादशाह अकबर अक्सर रोचक रोचक पहेली अपने दरबार से बुझा करते थे जिसको अक्सर बीरबल ही सुलझाए करते थे और ऐसे में एक दिन अकबर ने अपने दरबारियों से इस पहेली को सुलझाने को कहा –
ऊपर ढक्कन नीचे ढक्कन मध्य मध्य खरबूजा ।
मौं छुरी से काटे आपहिं अर्थ तासु नाही दूजा ॥
इस पहेली को दरबार में कोई भी बुझ नहीं सका यहां तक कि बीरबल के लिए भी अनबुझ पहेली बनी तब बीरबल ने बादशाह अकबर से इस पहेली को सुलझाने के लिए कुछ दिन का समय मांगा जिस पर बादशाह अकबर राजी हो गए और बीरबल को एक सप्ताह का समय दे दिया. इस पहेली को सुलझाने के लिए बीरबल चल दिए और शाम को चलते चलते थक गए तो आराम करने इरादे से एक कुटिया में प्रवेश किया तो वहां एक लड़की खाना बना रही थीं तब बीरबल ने उस लड़की से पूछा – ” बेटी क्या कर रही हो ?” इस पर लड़की ने जवाब दिया कि – “माँ को जलाकर बेटी को पका रही हूं “लड़की को दिए इस जवाब को सुनकर बीरबल आश्चर्य में पड़ गए तब बीरबल ने फिर पूछा – बेटी ! तुम्हारी माँ कहाँ हैं? इस सवाल पर लड़की का जवाब दिया कि “वह एक को दो कर रही हैं”. बीरबल को अब भी कुछ समझ में नहीं आया तब उन्होंने फिर से पूछा – ” अच्छा बेटी, तुम्हारे पिता कहां हैं ?”. इस पर लड़की बोली – वे मिट्टी को मिट्टी में मिलाने गए है .
बीरबल समझ गए कि यह लड़की बहुत बुद्धिमान हैं इसकी हर बातों में गूढ़ अर्थ छिपा हुआ हैं इसी दैरान लड़की के माता पिता भी आ गए जिन्होंने घर आए बीरबल का आदर सत्कार किया और आने का कारण पूछा इस पर बीरबल ने सबकुछ बता दिया और लड़की के द्वारा दिए गए जवाबों का अर्थ जानने की इच्छा को भी जाहिर किया. इस पर लड़की के पिता ने हंसते हुए जवाब दिया कि – “मेरी पुत्री बहुत ही बुद्धिमान हैं, मैं उसके द्वारा सभी जवाबों का अर्थ बताता हूँ आपके पहले सवाल का जवाब हैं कि वह अरहर की दाल को उसी की लकड़ियों को जलाकर पका रही थी, आपके दूसरे सवाल का जवाब है कि इसकी माँ पड़ोस में मूंग को दाल दलने गई थी और तीसरे सवाल का जवाब मैं किसी का क्रिया कर्म करने गया था.
बीरबल को लड़की की बुद्धिमत्ता पर बहुत अचरज हुआ तब उन्होंने बादशाह अकबर के द्वारा पूछी गई पहेली का हल लड़की से पूछने का सोचा क्योंकि उनको उम्मीद थी कि वह लड़की उस पहेली को अवश्य सुलझा देगी फिर बीरबल ने उस लड़की से उस पहेली को पूछा तो उसने जवाब दिया – यह धरती और आकाश दो ढक्कन की तरह है और मनुष्य खरबूजों की भांति हैं जो कि इन दोनों के मध्य यानि कि धरती और आकाश के नीचे रहता है और अपना समय पूरा करके मृत्यु को पाता है.
बीरबल को पहेली का हल मिल गया तब वह वापस लौट आया और दरबार में पंहुचकर बादशाह अकबर को पहेली का सुलझाते हुए उसका अर्थ बता दिया अपनी पहली का जवाब सुनकर बादशाह अकबर बहुत ही खुश हुए और उन्होंने बीरबल को बहुत सारा इनाम दिया किन्तु बीरबल ने वह सारा इनाम उसके असली हकदार यानि कि उस लड़की को पंहुचा दिया.