Kids Story – Ghost of the Forest | आज हिंदी महल एक ऐसे बच्चे की कहानी को लेकर आया है जो मात्र 9 साल का है और वह भूलवश एक जानवर को भूत समझकर डरने लगा लेकिन बहुत ही आसानी से दीपक मामाजी ने उसके मन से भूत के डर को दूर किया और भूत की सच्चाई को भी बताया जो किसी कुदरती चमत्कार से कम नहीं था तो चलिए जानते हैं क्या है रहस्य जंगल के भूत का.
शाम को 9 वर्ष का रवि 2 किलोमीटर दूर अपने दोस्त पवन के गाँव से अकेले लौट रहा था. स्कूल की छुट्टी चल रही थी इसलिए दोनों एक दूसरे से मिलने गाँव जाते थे. उस दिन रवि पवन से मिलने उसके गांव गया था जहां दोनों खेलने में इतना व्यस्त थे कि समय का पता ही नहीं चला और रवि को अपने घर लौटने में बहुत देर हो गई. रवि और पवन के गाँव के बीच एक जंगल था लेकिन जंगल के आसपास कई गांव थे इसलिए डरने की कोई बात नहीं थी क्योंकि इस जंगल में बाघ, चीता और दूसरे हिंसक जानवर नहीं रहते थे ग्रामीण इस जंगल मे घास और लकड़ी लेने के लिए जाया करते थे.
उस दिन घर लौटते समय रवि ने रास्ते में जंगल के किनारे एक विचित्र जानवर को देखा पहले तो उसे लगा कि शायद कोई कंगारू पेड़ से पत्ते को तोड़कर खा रहा था रवि यह सोचने लगा कि कंगारू तो यहां नहीं पाए जाते हैं लेकिन जैसे ही उसने उसका मुंह देखा वह डर गया और भूत भूत. चिल्लाते हुए गाँव की ओर दौड़ पड़ा और घर में घुसते ही बेहोश हो गया. रवि की माँ विमला को समझ नहीं आया कि उसे अचानक क्या हो गया ? जबकि रवि अपने दोस्त पवन से मिलने अक्सर पड़ोस के गाँव जाया करता यह कोई नई बात नही थी फिर आज उसने ऐसा क्या देख लिया कि घर आकर उसकी यह हालत हो गई. उसका चेहरा पीला पड़ गया था रवि की इस हालत को देखकर विमला घबरा उसने रवि के चेहरे पर पानी के छींटे मारे जिससे रवि को होश तो आ गया लेकिन वह अभी भी बहुत घबराया हुआ था.
विमला ने बड़े प्यार से रवि के सिर पर हाथ फेरकर पूछा – “क्या हुआ रवि “. माँ की इस सवाल को सुनने के बाद फिर से डर के मारे चादर के अंदर अपना मुंह छिपा लिया. ऐसा लग रहा था कि अभी वह कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था.इतने में पड़ोस में रहने वाली मालती आंटी उसके घर आई क्योकि उसने रवि को चिल्लाते हुए घर की ओर भागते हुए देखा था. उसने रवि की माँ से पूछा – रवि को क्या हुआ है इस पर रवि की माँ ने बताया कि उसे खुद समझ नहीं आ रहा है कि क्या बात हुआ कि रवि इतना घबरा हुआ है. मालती आंटी ने विमला को कहा – मैंने उसे रास्ते में भूत भूत चिल्लाते हुए सुना तभी तो मैं इसके पीछे यहां चली आई. विमला ने मालती को बताया क्या हुआ है यह बताने की स्थिति में रवि नही है. मालती आंटी ने विमला को कहा – मुझे तो लगता है कि किसी भूत ने रवि को पकड़ लिया है. रवि की माँ ने इस बात का विरोध किया कि आजकल यह सब नहीं होता.
विमला की इस प्रकार से कहे बात को सुनकर मालती अपने घर चली गई. विमला को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे ? कुछ समय बाद रवि चादर से अपना मुंह बाहर निकाला. इस बार उसकी माँ ने कुछ नही पूछा लेकिन खाने को कहा क्योंकि वह जानती थी कि रवि को भूख लगी होगी उसने बड़े ही प्यार से रवि को खाना खिलाया ओर उससे बात करने लगी रवि अभी भी डरा हुआ लग रहा था. विमला उसे थोड़े देर के लिए भी अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए रात में उसके समीप ही सोया.
सुबह होने पर रवि थोड़ा शांत दिख रहा था. विमला ने कुछ पूछना चाहा तो तो रवि ने भूत वाली बात अपनी माँ को बता दिया और उसकी माँ ने पड़ोस में रहने वाली मालती आंटी को बता दिया इस तरह गाँव मे यह खबर फैल गई यह सुनकर पवन चौक गया और वह रवि से मिलने उसके घर आया. अपने दोस्त पवन को देखकर रवि ने अपने दिल की बात कह दिया. रवि की बात को सुनकर पवन ने कहा – आज से पहले कभी किसी ने जंगल में भूत देखने वाली बात ना बताई और ना ही सुनाई. पवन की इस बात को सुनकर रवि ने पुनः बताया कि वह झूठ नही बोल रहा है उसने अपनी आंखों से उसे देखा है कि पलट कर वह मुझे देखकर मेरी तरफ आ रहा था. कुछ समय पवन रवि के साथ बिताकर अपने घर लौट आया और यह सभी बात उसने अपनी माँ को बताई.
पवन की बात को सुनकर उसकी माँ बोली -” मुझे समझ नहीं आ रहा है कि अचानक वहां भूत कहां से आ गया इससे पहले कभी किसी से जंगल में भूत होने की बात नही सुनी, रवि को ज़रूर कोई धोखा हुआ है.” माँ के इस तरह से कहे बातों को सुनकर पवन ने बताया कि रवि झूठ नहीं बोल रहा क्योंकि वह अक्सर यहां आताजाता रहता है इससे पहले कभी उसने ऐसी बात नहीं कही कुछ तो कल हुआ है जिसके कारण उसकी तबीयत खराब हो गई और वह बहुत डरा हुआ है. किसी को कुछ समझ में नही आ रहा था कि हुआ क्या था?
एक दिन पवन के मामा दीपक घर आएं तो उन्होंने पवन से उसके दोस्त रवि के बारे में पूछा तो पवन ने उस दिन की घटना को अपने मामा को बताते हुआ कहा कि अब वह इधर उधर आने जाने से डरता है तब पवन के मामा पवन को साथ लेकर रवि के घर रवि से मिलने गए. रवि अपने दोस्त और उसके मामा को देखकर बहुत खुश हुआ और उसने मामाजी को प्रणाम किया. मामाजी ने रवि से उस दिन के बारे में पूछा तब रवि ने कहा – उस दिन का नाम मत लो मामाजी, उस दिन को याद करके मैं आज भी डर जाता हूँ. पता नही जंगल मे वह भूत कहां से आया.रवि के इस बात को सुनकर मामाजी बोले – तुमको पता है वह इस जंगल में पिछले एक साल से रह रहा है. तुम जंगल की इस तरफ रहते हो और दूसरी तरफ हम रहते हैं और वह जंगल में घूमता रहता है. तुम कहो तो मैं तुम्हे उसे फिर से दिखा सकता हूँ.
रवि बहुत डरा हुआ था जिसके कारण वह उनके साथ जाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं था लेकिन पवन के मामा ने रवि की माँ से कहा – दीदी अगर तुम चाहती हो कि रवि के दिल से भूत का डर हमेशा के लिए निकल जाएं तो तुमको उसे मेरे साथ जाने के लिए राजी करना होगा, तुम चाहो तो हमारे साथ आ सकती हो. रवि की माँ असमंजस में थी क्या करे? कुछ सोचकर वह दीपक के साथ जाने के लिए तैयार हो गई फिर चारों दीपक की गाड़ी में बैठकर उनके गांव चल दिए. दोपहर के समय दीपक तीनों को जंगल की ओर ले गया रवि अभी भी डरा हुआ था लेकिन उसे दीपक हिम्मत बांधे रखने को बोल रहे थे.
कुछ दूर आकर सामने बैठे एक बछड़ें की ओर इशारा करके बोले – “रवि ! क्या उस भूत की शक्ल ऐसी ही थी. रवि ने बताया कि उस भूत की शक्ल इससे ही मिलती जुलती थी. अब मामाजी ने हाथ में एक डंडा उठाया और बछड़ें कि ओर बढ़े यह देखकर वह बछड़ा एकदम से खड़ा हो गया बछड़े को दो पैरों पर खड़ा देखकर विमला और पवन दोनों चौक गए और रवि तो डरकर दीपक से ही चिपक गया और चिल्लाते हुए बोला – ” मामाजी यह भूत ऐसा ही था और वह पेड़ से पत्ते को खा रहा था. डंडे की फटकार को सुनकर बछड़ा दोनों पैर से ही चलकर आगे बढ़ गया.
दीपक ने आगे बताया की यह शीला काकी की गाय का बछड़ा है बचपन से इसके दोनों आगे वाले पैर नहीं थे जिसके कारण काकी को इसकी देखभाल करने में परेशानी हो रही थी इसीलिए उन्होंने इसे जंगल में छोड़ दिया और जब पवन ने मुझे भूत का जो हुलिया बताया तो मैं समझ गया कि रवि ने इस बछड़ें को देखा होगा जो खाने की तलाशमें रवि के गाँव की ओर बढ़ रही थी क्योकि यह आराम से दो पैरों पर थोड़ी देर चलकर अपने खाने की व्यवस्था करती हैं यह घास नहीं खा सकती यही कारण है कि यह पेड़ों की पत्तियों को खाकर अपना गुजारा करती है.
वे चारों बड़ी देर तक उसे देखते रहे वह वहां से उठकर थोड़ी दूर जाकर फिर बैठ गई थी. रवि के मन से भूत का डर निकल गया और वह माँ के साथ खुशी खुशी वापस अपने घर लौट आया. विमला भी दीपक को धन्यवाद दिया कि उन्होंने बड़ी ही सहजता से रवि के दिल से भूत का डर हमेशा के लिए निकाल दिया.