Ghamandi Surya | हर कोई अपने आप को दूसरे से अधिक महत्व समझता है उसे लगता है कि सामने वाला उसके काबिलियत के आगे छोटा है और यही कारणों से उसको अभिमान या घमंड होने लगता लेकिन सच तो यह है कि सबकी अपनी अपनी अहमियत है, तो हिंदी महल आज एक ऐसी ही कहानी के द्वारा बताना चाहता है कि सबकी अपनी एक अलग अहमियत होती हैं जो किसी को छोटा या बड़ा नही बनाता जैसे कि सूर्य को यह घमंड था कि उसकी रोशनी से ही सब कुछ है इस दुनिया में चांद की कोई अहमियत ही नहीं है लेकिन सच्चाई जानकर सूर्य को शर्मिंदा होना पड़ा.
Ghamandi Surya | चंद्रमा ने तोड़ा सूर्य का घमंड
Ghamandi Surya | Moon broke Sun’s pride. Children’s Story – Arrogant Sun | शाम का समय होने पर सूर्योस्त का समय होने पर सूर्य डूबने ही वाला था कि आसमान में चांद भी दिखाई दे रहा था. चांद ने सूर्य को देखकर बोला – ” नमस्ते सूर्य ! कैसे है आप, बहुत अच्छा लगा आपको देखकर हम तो एकदूसरे से कम ही मिल पाते हैं क्योंकि आपके डूबने ( छिपने )के बाद ही मैं निकलता हूं और मेरे जाने के बाद आप सुबह आते हैं “सूर्य चांद की बातों को अनदेखा करते हुए बुरा से मुंह बनाया लेकिन चांद की किसी बात का कोई जवाब नहीं दिया. जब सूर्य ने कोई जवाब नहीं दिया तो चांद ने पुनः कहा – ” क्या बात है? मुझसे आप कोई बात नहीं कर रहे हैं ऐसा लग रहा है कि आप कुछ नाराज लग रहे हैं. “चांद के दुबारा बात करने पर सूर्य ने अकड़ से कहा – ” मैं सिर्फ बराबर वालों से ही बात करता हूं तुम्हारे जैसे छोटे लोगों से बात करना मैं अपना अपमान समझता हूं ” सूर्य की इस तरह से बाते को सुनकर चांद ने कहा – ” मुझसे मिलना हर कोई पसन्द करता है पिछले कई सालों से कितने लोग धरती से न अंतरिक्षयान में बैठकर मुझसे मिलने आए जबकि आप के नजदीक आने से सभी डरते हैं क्योंकि आप आग उगलते हो “
सूर्य ने चांद की इस बात पर घमंड के साथ बोला – ” इसलिए तो मैं तुमसे कह रहा हूँ, मुझसे बात मत किया करो नही तो जल जाओगे ” इसके इस बात पर चांद ने बोला – ” सूर्य ! ऐसा मत कहिए, मैं तो सभी को प्यार का संदेश देता हूं, मेरी ओर देखने से सभी को ठंडक मिलने के साथ ही आंखों की रोशनी तेज होती हैं. धरती के सारे बच्चों ने मुझे अपना मामा बनाया है और बहुत माताएं अपने बच्चों को मेरी कहानियां व लोरी सुनाती है जिसके कारण वे खुश होकर चैन से सोते हैं और इतना ही नहीं मुझे देखकर दूसरे धर्मों के लोग अपना त्यौहार भी मनाते हैं ” चांद के इस तरह के बातों को सुनकर अब तो सूर्य थोड़ा गुस्सा गए और इसी गुस्से में बोला – ” तुम तो मेरे सामने बात ही मत करो तुम्हारी खुदकी रोशनी तो है नहीं मेरी रोशनी से ही चमकते हो. मैं सभी को सोलर एनर्जी देता हूं, सारे ग्रह मेरे चारों ओर चक्कर लगाते हैं और तुम पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाले एक छोटे से उपग्रह हो” .
सूर्य और चांद बात कर ही रहे थे कि उन दोनों का ध्यान धरती के एक पार्क की तरफ गया जहां दो दोस्त घूमते हुए अचानक से मिले. एक दोस्त ने दूसरे को देखकर कहा – “नमस्ते मोहित ! बहुत दिनों के बाद दिखाई दिए” इस पर मोहित ने खुश होकर बोला – ” नमस्ते रोहित ! तुम भी बहुत दिन के बाद दिखाई दे रहे हो, कहां रहते हैं आजकल”. फिर रोहित ने मोहित को बताया कि वह आजकल अपनी किताब लिखने में व्यस्त हैं इस पर मोहित ने रोहित को उसकी लिखी गई कविताओं की तारीफ किया जो कि चांद पर लिखी कविता हैं. रोहित ने कहा कि – दरअसल में चांद है ही इतना सुंदर की जहां सुंदरता और शीतलता की बात हो तो चांद का ही उदाहरण दिया जाता हैं.शायद संसार में कोई ऐसा लेखक होगा जो अपनी रचनाओं में चांद का जिक्र न किया हो मैं भला कैसे बचता . इस पर मोहित ने रोहित से बोला कि – आपने पूरी किताब ही चांद पर ही लिख डाली मैं आपकी किताब को अवश्य पढूंगा. मैं खुद एक वैज्ञानिक हूं इसीलिए हमारा चांद को देखने का नजरिया जरा हटकर है. मैं देखना चाहता कि आप कवियों और लेखकों का चांद देखने का नजरिया कैसा होगा ?.
रोहित अपने दोस्त वैज्ञानिक मोहित को बोला – जरूर पढ़ियेगा, लेकिन आप भी चांद के बारे में जो जानते हैं मुझे भी बताए इसी बहाने मुझे चांद के बारे में कुछ और जानने का अवसर मिलेगा. इस पर मोहित ने बताया कि विज्ञान के अनुसार धरती पर जीवन लाने में चांद की अहम भूमिका होती हैं.इस बात को सुनकर उत्सुकता से रोहित जानना चाहा कि कैसे धरती पर जीवन लाने में चांद की अहम भूमिका है.
मोहित, रोहित को समझाते हुए बोला -” चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच एक फोर्स होता है जिसके कारण 24 घन्टे में दिन रात होते हैं जो सभी के लिए काम और आराम के लिए ज़रूरी है अगर चांद न हो तो पृथ्वी के घूमने की गति तेज हो जाएगी जिसके कारण 24 घन्टे के बजाय कुछ ही घण्टों के दिन रात होंगे जिससे सारा चक्र बिगड़ जाएगा, इतना ही नहीं चांद की ग्रेविटी के कारण ही समुंद्र में ज्वार भाटा आता है जिससे पानी का मंथन होता हैं. ऊपर का पानी नीचे और नीचे का पानी ऊपर होने से नीचे के जीव ऊपर और ऊपर के जीव नीचे जाते रहते हैं इससे समुद्र के जीवों को भोजन मिलता है साथ ही मछुआरों को भी मछलियां पकड़ने में मदद मिलती हैं इस तरह से सभी का पेट भरता है.
इन सभी बातों को सुनकर सूर्य थोड़ा शरमा से गया और उसने चांद से माफी मांगते हुए बोला – मैं भूल गया कि हर किसी का अपना अपना महत्व होता है.इस पर चांद ने मुस्कुराते हुए कहा कि – सूर्य ! कैसी बात करते हो यह तो सभी जानते हैं कि मैं जो भी करता हूं आपके द्वारा दी गई रोशनी और ऊर्जा से करता हूँ और मैं ही नहीं बल्कि धरती (पृथ्वी) पर सारा जीवन आप के द्वारा दी गई सोलर एनर्जी से ही चलता है. चांद की इस तरह की बातों को सुनकर सूर्य ने पुनः माफी मांगते हुए बोला – ” अच्छा दोस्त ! अब मेरे जाने का समय हो रहा है, मैं चलता हूं यह समय तुम्हारा है, तुम आसमान में चमको और अपनी चांदनी बिखर करके सभी को शीतलता प्रदान करो “. इस प्रकार से सूर्य ने चांद से विदा लेकर अगले दिन फिर से निकलने के लिए छिप गया.