Magh Gupt Navratri 2024 | सनातन धर्म में नवरात्रि को सबसे पवित्र पर्व माना जाता है. नवरात्रि के पर्व में मां दुर्गा की उपासना और आराधना की जाती है और इस पर्व को महापर्व के रूप में मनाया जाता है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार कुल चार नवरात्रि होती है. नवरात्रि दो प्रकार की होती हैं पहली प्रकट नवरात्रि और दूसरी गुप्त नवरात्रि. दोनों प्रकार की नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती हैं. प्रकट नवरात्रि को चैत्र और शारदीय नवरात्रि के रूप में मनाई जाती है तथा इसमें सार्वजनिक रूप से दुर्गा माता के नौ स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है.
इसके अलावा गुप्त नवरात्रि एक माघ के महीने और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है. गुप्त नवरात्रि में देवी की दस महाविद्याओं और मां काली की पूजा-अर्चना गुप्त तरीके से की जाती है. काली माँ, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी माता, और कमला देवी की पूजा माघ गुप्त नवरात्रि में की जाती है और इन्हें ही 10 महाविद्या कहा गया है. गुप्त नवरात्रि को विशेष रूप से तंत्र-मंत्र की विद्या और साधना के लिए माना जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं हिंदी महल के आज के इस अंक में की इस साल 2024 में माघ गुप्त नवरात्रि (Navratri 2024) कब से कब तक है. नवरात्रि के पूजा में घट स्थापना का विशेष महत्व होता है. इसी क्रम में हम जानेंगे कि माघ गुप्त नवरात्रि 2024 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है साथ में जानेंगे की मां दुर्गा की पूजा गुप्त नवरात्रि में किस प्रकार करनी चाहिए. Navratri kab se shuru hai.
Magh Gupt Navratri 2024 Date and Time | माघ गुप्त नवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त
साल की पहली गुप्त नवरात्रि माघ गुप्त नवरात्रि के रूप में माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है. हिन्दू पंचाग के अनुसार इस साल 2024 में माघ गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार से शुरू होकर 18 फरवरी 2024 दिन रविवार को समाप्त होगा.
माघ गुप्त नवरात्रि 2024 (Gupt Navratri 2024 date and time) की प्रतिपदा तिथि है 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार की सुबह 04 बजकर 28 मिनट से 11 फरवरी 2024 दिन रविवार की रात्रि 12 बजकर 47 मिनट तक और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त है 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार की सुबह 08 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 10 मिनट तक.
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Magh Gupt Navratri Puja Vidhi | माघ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन साधक सूर्योदय के समय उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र को धारण करें हो सके तो हर रंग के कपड़े को पहनें और पूजा स्थल को साफ सुथरा करें. माघ गुप्त नवरात्रि की पूजा, पूजा घर के पूर्वोत्तर कोने में करनी चाहिए. इसके पश्चात नौ दिनों के लिए घटस्थापना करके दुर्गा माता की मूर्ति को हरे रंग के कपड़े पर रखकर सिंदूर, चावल, पुष्प, धूप और अगरबत्ती से पूजा अर्चना करें. माँ दुर्गा को चुनरी, श्रृंगार का सामान और वस्त्र का अर्पित करके मंत्रों का जाप करना चाहिए. माघ गुप्त नवरात्रि में पूजा के समय 108 बार दुर्गा माँ के बीज मंत्रों का जाप अवश्य करें क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से माँ का आशीर्वाद और कृपा हमेशा बनी रहती हैं. इसके अलावा दुर्गा माँ की पूजा करते समय दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करने के साथ दुर्गा माँ की सुबह – शाम भोग लगाएं और आरती जरूर करें. दुर्गा माता की पूजा में लौंग और बताशा का भोग लगाएं. लेकिन ध्यान रहे भूलकर भी दुर्गा माँ की पूजा में आक, मदार, दूर्वा और तुलसी पत्ते का इस्तेमाल नही करें.
Gupt Navratri kyu aur Kaun manate hai? गुप्त नवरात्रि क्यों और कौन मानते है?
मां दुर्गा की पूजा को बहुत ही गुप्त तरीके से गुप्त नवरात्रि में किया जाता है. माना जाता है कि इन दौरान की गई पूजा को जितना अधिक गुप्त रखा जाएगा उतने ही जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण होगी. गुप्त नवरात्रि को खास कर वे लोग मानते हैं जो तंत्र-मंत्र की सिद्धि को करते है. इसके अलावा साधारण लोग गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करके आने वाले सभी संकटों से मुक्ति लिए मां दुर्गा से कामना करते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि की पूजा के समय दुर्गा माँ को अर्पित किए गए गोरोचन को नियमित रूप से माथे पर लगाएं मान्यता है कि ऐसा करने से बुद्धि तेज होती हैं. इसके अलावा इन दिनों फलों का दान करने से बड़ी से बड़ी बीमारी से मुक्ति मिलती है.
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